उन्होंने एनिमेशन, डिजाइन और तकनीक की दुनिया में एक कोलोसस की तरह धावा बोल दिया।
स्टीव जॉब्स एक ट्रेलब्लेजिंग विज़नरी, उन्होंने कंप्यूटर बूम का पूर्वाभास किया, एक डिजाइन क्रांति को जन्म दिया, मार्केटिंग इनोवेशन में एक कंपेलिंग चैप्टर की पटकथा लिखी, मनोरंजन की दुनिया में सबसे प्रभावशाली एनिमेशन फोर्स को बिल्ट किया, और ग्रह के सबसे बड़े कन्स्युमर इलेक्ट्रॉनिक्स पावरहाउस के रूप में बिज़नस हिस्ट्री में ऐप्पल इंक की जर्नी का नेतृत्व किया।
डिजाइनर्स, मार्केटिंग और प्रौद्योगिकी के शौकीनों, एंटरप्रेनर्स और बड़े पैमाने पर दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत, स्टीव जॉब्स ने एक जीवनकाल में किया, जो कई केवल हासिल करने का सपना देख सकते हैं। पेशनेट, फ़ास्टिडियस, और जिद्दी स्टीव ने जीवन के उलटफेर के माध्यम से लड़ाई लड़ी, और यहाँ से छोड़कर जाने से पहले , 'ब्रह्मांड में एक डिंग डालने में कामयाब रहे'। उनके द्वारा 'पुट ए डिंग इन द यूनिवर्स' बार-बार दोहराई जाने वाली पंक्ति थी और वह 'एप्पल' के लिए उनके डिसरप्टिव गोल को बताती थी।
स्टीवन पॉल जॉब्स ने 17 साल की उम्र में कॉलेज ड्रॉप आउट बनकर अटारी कॉरपोरेशन में एक गेम डिजाइनर के रूप में अपना करियर शुरू किया। अटारी में इस छोटे से कार्यकाल और उनके बाकी के अभूतपूर्व करियर के बीच का सेतु भारत की एक यात्रा थी, जिसके बारे में माना जाता है कि इस यात्रा ने उनकी डिजाइन फ़िलॉसोफ़ी (सरलता, विस्तार, सहानुभूति) पर गहरा प्रभाव छोड़ा जिसने ऐप्पल की शानदार सफलता के लिए मजबूत नींव रखी।
"हम उस समय के भारत और मेडिटेशन कुशन पर धन्यवाद कर सकते हैं-
उस सुंदर, कठोर सादगी के लिए- जिसने एक डिजाइन क्रांति को जन्म दिया।" -
1974 में, स्टीव जॉब्स ने स्टीव वोज्नियाक (वोज़) के साथ मिलकर अपने परिवार के गैरेज में कंप्यूटर का निर्माण किया। स्टीव ने वैंचर को फ़ंड करने के लिए अपने वोक्सवैगन बस और साईंटिफ़िक कैलकुलेटर वोज्नियाक को बेच दिया। वोज के साथ, स्टीव ने क्विक सक्सेशन में ऐप्पल I और II कंप्यूटरों का निर्माण किया, 1977 में कंपनी को स्थापित किया और इसका नाम ऐप्पल कंप्यूटर रखा, इसे 1981 में एक रिकॉर्ड-सेटिंग इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग के लिए निर्देशित किया, और इसे सीधे अमेरिका की फॉर्च्यून 500 सूची में पहुंचा दिया। 1983 में ऐप्पल अमेरिका की शीर्ष कंपनियों के एलीट क्लब में सबसे तेजी से प्रवेश करने वाली कंपनी बनी।
स्टीव जॉब्स ने ऐप्पल के सहज और उच्च प्रदर्शन वाले प्रोडक्टस के साथ प्रौद्योगिकी और मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांति ला दी। विडंबना यह है कि जॉन स्कली द्वारा बोर्डरूम तख्तापलट में स्टीव को कंपनी से बाहर कर दिया गया था, वे वही व्यक्ति थे, जिन्हे जॉब्स ने कोका कोला के सीईओ के रूप से चुनकर ऐप्पल में लिया था। लेकिन सात साल बाद, जब कंपनी की गिरती बिक्री से चिंतित बोर्ड ने जॉब्स से अनुरोध किया कि वह एक बार फलती-फूलती कंपनी की किस्मत को पलटने के लिए पदभार ग्रहण करे।
और वापसी उन्होंने शैली में की, क्योंकि उन्होंने मैकबुक से आईपॉड, आईफोन और आईपैड के द्वारा शक्तिशाली इनोवेशन्स की एक बैटरी खोल दी, सभी प्रोडक्टस अपने ईंट्रोडक्शन के समय किसी बार्डरलाइन मिरेकल्स से कम नहीं थे। स्टीव की स्टर्लिंग हेल्म्समेनशिप के तहत, ऐप्पल ने जल्द ही अपना पुराना गौरव हांसिल कर लिया और 861 बिलियन अमरीकी डालर के चौंका देने वाले मूल्यांकन के साथ 'दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी' के रूप में प्रमुखता में वापस आ गई।
जिस अवधि के दौरान जॉब्स ऐप्पल से बाहर थे , वह दुनिया के लिए वास्तव में विघटनकारी साबित हुआ क्योंकि उन्होंने नैक्स्ट आइएनसी की स्थापना की , जो एक ऐसी कंपनी जिसने शक्तिशाली वर्कस्टेशन कंप्यूटर तैयार किए। और जब टिम बर्नर्स - ली ने वर्ल्ड वाइड वेब बनाया, तो उन्होंने स्टीव की इजाद की हुई नेक्स्ट मशीन का उपयोग करके ऐसा किया।
महत्वपूर्ण रूप से, यह एंटरटैनमेंट की दुनिया के लिए इन जनरल और एनिमेशन के लिए विशेष तौर पर एक महत्वपूर्ण चरण था। जॉब्स ने हॉलीवुड फिल्म निर्देशक जॉर्ज लुकास से लुकास फिल्म के कंप्यूटर ग्राफिक्स डिवीजन का अधिग्रहण किया और इसे 'पिक्सार' नाम दिया। पिक्सार के साथ, जॉब्स ने ग्लोबल एंटरटैनमेंट इंडस्ट्री की मदद कर उसे प्रोत्साहन देते हुए एनिमेशन को मैनस्ट्रीम एंटरटैनमेंट के दायरे में ले आए।
जॉब्स ने पिक्सार को एक प्रमुख एनिमेशन स्टूडियो के रूप में बनाया, 1995 में पहली पूर्ण लंबाई वाली कंप्यूटर एनिमेटेड फीचर फिल्म 'टॉय स्टोरी' का निर्माण किया और क्रांतिकारी रेंडर मैन सॉफ्टवेयर को फिल्म रेंडरिंग के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड का टूल बनाने में मदद की।
पिक्सार की फिल्मों की गिनती अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली और सबसे अधिक सम्मानित एनिमेटेड फिल्मों में होती है, जिसमें 20 अकादमी पुरस्कार, 8 गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और 11 ग्रैमी पुरस्कार शामिल हैं, साथ ही कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार भी हैं। 1995 में पिक्सार की पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग ने जॉब्स को पहली बार अरबपति बनाया। जॉब्स ने अंततः 2006 में पिक्सार स्टूडियो को डिज्नी को बेच दिया।
एक बेहद सफल प्रौद्योगिकी के पायोनियर, डिजाइन विझार्ड, मीडिया मेवेन, बिजनेस मैग्नेट और इन्वेस्टर, स्टीव ने खुद को उन सभी चीजों में शामिल किया, जिन पर वे विश्वास करते थे। उन्होने इंडस्ट्री के बार को रीडिक्यूलस रूप से निरंतर ऊंचा किया, और लक्ष्यों का पीछा करने के लिए व्यवसाय में सबसे अच्छे दिमागों को संवारने का कार्य किया ।
स्टीव ने अपने अंतिम वर्ष कैंसर से जूझते हुए बिताए और 2011 में एक अस्पताल में शांति से उनका निधन हो गया। उन्होंने एक ऐसी विरासत छोड़ी जिसने प्रौद्योगिकी और एंटरटैनमेंट की दुनिया को रेडिकली ट्रान्सफॉर्म कर दिया। अपने परिवार के सदस्यों को अपने बिस्तर के पास देखकर, जाने से पहले उनके अंतिम शब्द थे .... ओह वॉव! ओह वॉव! ओह वॉव! .....ठीक वैसे ही दुनिया कैसे और उनकी असाधारण उपलब्धियों को जिस प्रकार याद करती है।